Speech On Unemployment In Hindi 2023: बेरोजगारी पर भाषण हिंदी में जान ने के लिए इस लेख को जरूर पूरा पढ़े. यदि आप Berojgari Par Bhashan देना चाहते यही और इस से सम्बंधित जानकारी लेना चाहते हैं तो इस Short और Long अनएम्प्लोय्मेंट स्पीच पोस्ट को अवशय पढ़े.
Speech On Unemployment In Hindi (बेरोजगारी पर भाषण) Berojgari Par Bhashan Hinid Mein
आदरणीय प्रधान अध्यापक, मेरे शिक्षकगण, मेरे साथी, सम्मानित अतिथि, और मेरे सभी निकट और प्रिय लोग। आप सभी को मेरा हार्दिक प्रणाम।
मेरा नाम ……. है। मैं …….. स्कूल में …….. कक्षा का छात्र हूँ। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम सभी इस ……… कार्यक्रम के लिए एक साथ आए है.
इस शो में मैं आप सबके सामने बेरोजगारी पर भाषण दूंगा। सबसे पहले, मैं इस मंच पर भाषण देने का अवसर प्रदान करने के लिए सभी को धन्यवाद देना चाहूंगा।
बेरोजगारी एक ऐसी स्थिति होती है, जब कोई व्यक्ति नौकरी की तलाश में होता है और उसे कोई नौकरी नहीं मिलती। यह एक बहुत ही हानिकारक स्थिति हो सकती है, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, और व्यक्तित्व पर नुकसान पहुंचा सकती है।
बेरोजगारी व्यक्ति जो व्यापक रूप से उपयोगी और उत्पादक होने के योग्य होने के बावजूद नौकरी नहीं पाने वाले व्यक्तियों की स्थिति को व्यापक रूप से व्यक्त करती है।
भारत में, बेरोजगारी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो भारतीय जनता की एक गंभीर हिस्से को प्रभावित करती है। हाल ही में भारत में बेरोजगारी दर धीमी धीमी बढ़ते जा रहे हैं, जो आर्थिक और सामाजिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदारी बनाती है।
नौकरी की अवसथितता, विशेष रूप से युवाओं के लिए, एक बड़ी चिंता के विषय है, क्योंकि यह गरीबी, अपराध, और अवगुणता के लिए जिम्मेदार होता है।
भारतीय सरकार नौकरी की अवसथितता को ध्यान देने के लिए विभिन्न उपायों को लागू करने की कोशिश की है, जैसे कि कौशल विकास कार्यक्रम और रोजगार उत्पन करना।
भारत में बेरोजगारी की समस्या एक महत्वपूर्ण विविधता है। विविध कारणों, जैसे अपूर्ण विकास, लघु और मध्यम उद्योग की कमी, उत्पादन की कमी और अधिकांश व्यक्तियों के लिए उपयोगी कौशलों की कमी, जो बेरोजगारी की विविधता का कारण हैं।
भारत में बेरोजगारी की वजहें विविध हैं, जैसे कि: अधिक लोगों की पूर्ण तकनीकी शिक्षा नहीं होना, अधिक उत्पादन की जगहों की कमी, अपेक्षाओं और वाणिज्यिक दिशाओं के मुकाबले कम व्यवसायिक विकास, व्यवसायिक दृष्टिकोण की कमी, अधिक आवश्यकता वाले कौशलों के अभाव और अधिक प्रतिबद्धता व्यवसायों में.
बेरोजगारी की दो प्रकारों की होती है: स्थायी बेरोजगारी: जब व्यक्ति के पास नौकरी नहीं है और उसे नौकरी पाने के सम्भावनाएं भी नहीं हैं. अस्थायी बेरोजगारी: जब व्यक्ति को अस्थायी रूप से नौकरी नहीं है और वह नौकरी पाने की तलाश में है.
बेरोजगारी के परिणाम विविध हो सकते हैं, जैसे कि:
- आर्थिक तंगी: जब व्यक्ति के पास नौकरी नहीं है तो उसे आवश्यक व्ययों के लिए पैसे नहीं होते.
- मानसिक तंगी: बेरोजगारी व्यक्ति के मानसिक स्वस्थता पर कुछ नकारात्मक प्रभाव डालती है.
- समाजिक तंगी: बेरोजगारी व्यक्ति के समुदाय से अलग होने की वजह से व्यक्ति समाज से अलग हो जाता है.
- प्रतिबद्धता की कमी: बेरोजगारी व्यक्ति की प्रतिबद्धता को कम कर देती है.
- आर्थिक अवस्था की कमी: बेरोजगारी व्यक्ति की आर्थिक अवस्था को कम कर देती है.
भारत सरकार कई कार्यक्रम और योजनाएं शुरू करें हुई हैं बेरोजगारी के उपचार के लिए:
- Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MGNREGA): एक रोजगार गारंटी कार्यक्रम, जो ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तियों को 100 दिनों तक नौकरी प्रदान करता है.
- Pradhan Mantri Rozgar Protsahan Yojana (PMRPY): एक नौकरी को प्रोत्साहित करने वाली योजना, जो नए नौकरियों के स्थानों की तैयारी और उनकी बढ़त को प्रोत्साहित करती है.
- Skill India: एक कौशल विकास योजना, जो व्यक्तियों को नए कौशलों और व्यापारों में प्रशिक्षण प्रदान करती है.
- Start-up India: एक नये व्यवसाय शुरू करने वालों की मदद करने वाली योजना, जो नए व्यवसायों को आर्थिक और अन्य स्तर पर मदद करती है.
बेरोजगारी एक महत्वपूर्ण समस्या है जो भारत के विकास के लिए बड़ी बंधन है। इसे कई कारणों से, जैसे कम व्यापारों की विविधता, कम नए व्यवसायों की उत्पन्नता, लोगों के कौशल की कमी, और समाज में उत्पन्न पैमाने विविधता के कारण। हालांकि, भारत सरकार कई कार्यक्रमों और योजनाओं को शुरू करने की कोशिश कर रही है इस समस्या का समाधान को कम करने में।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द: आशा करता हूँ की आपको यह छोटा तथा लम्बा Berojgari Par Bhashan अच्छा लगा होगा और समझ में भी आया होगा। यदि आपको यह लेख वास्तव में फायदेमंद लगता है तो इसे जरूर सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, आदि पर शेयर करे.